भारतीय दंड संहिता 1860 Indian Penal Code (IPC) की धाराएं



भारतीय दण्ड संहिता 1860
Indian Penal Code - IPC 1860




भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) लागू है।
अनुमति-तिथि6 अक्टूबर 1860
शुरूआत-तिथि1 जनवरी 1862

जानिए  भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा (Sections)  के बारे में 


IPC धारा 1 - संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार

IPC धारा 2भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड।

IPC धारा 3 भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड।

IPC धारा 4 - राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार।

IPC धारा 5 - कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना।

IPC धारा 6 - संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना।

IPC धारा 7 - एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय।

IPC धारा 8 - लिंग

IPC धारा 9 - वचन

IPC धारा 10 - पुरुष। स्त्री।

IPC धारा 11 - व्यस्क

IPC धारा 12 - जनता / जन सामान्य

IPC धारा 13 - क्वीन की परिभाषा

IPC धारा 14 - सरकार का सेवक।

IPC धारा 15 - ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा

IPC धारा 16 - गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा

IPC धारा 17 - सरकार।

IPC धारा 18 - भारत

IPC धारा 19 - न्यायाधीश।

IPC धारा 20 - न्यायालय

IPC धारा 21 - लोक सेवक

IPC धारा 22 - चल सम्पत्ति।

IPC धारा 23 - सदोष अभिलाभ / हानि।

IPC धारा 24 - बेईमानी करना।

IPC धारा 25 - कपटपूर्वक

IPC धारा 26 - विश्वास करने का कारण।

IPC धारा 27 - पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्ति।

IPC धारा 28 - कूटकरण।

IPC धारा 29 - दस्तावेज।

IPC धारा 30 - मूल्यवान प्रतिभूति।

IPC धारा 31 - बिल

IPC धारा 32 - कार्यों को दर्शाने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप शामिल है।

IPC धारा 33 - कार्य

IPC धारा 34 - सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य

IPC धारा 35 - जबकि ऐसा कार्य इस कारण आपराधिक है कि वह आपराधिक ज्ञान या आशय से किया गया है

IPC धारा 36 - अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणाम।

IPC धारा 37 - कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना।

IPC धारा 38 - आपराधिक कार्य में संपॄक्त व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगे

IPC धारा 39 - स्वेच्छया।

IPC धारा 40 - अपराध।

IPC धारा 41 - विशेष विधि।

IPC धारा 42 - स्थानीय विधि

IPC धारा 43 - अवैध

IPC धारा 44 - क्षति

IPC धारा 45 - जीवन

IPC धारा 46 - मॄत्यु

IPC धारा 47 - जीवजन्तु

IPC धारा 48 - जलयान

IPC धारा 49 - वर्ष या मास

IPC धारा 50 - धारा

IPC धारा 51 - शपथ।

IPC धारा 52 - सद्भावपूर्वक।

IPC धारा 53 - दण्ड।

IPC धारा 54 - मॄत्यु दण्डादेश का रूपांतरण।

IPC धारा 55 - आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण

IPC धारा 56 - य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा।

IPC धारा 57 - दण्डावधियों की भिन्नें

IPC धारा 58 - निर्वासन से दण्डादिष्ट अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए जब तक वे निर्वासित न कर दिए जाएं

IPC धारा 59 - कारावास के बदले निर्वासनट

IPC धारा 60 - दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा।

IPC धारा 61 - सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश।

IPC धारा 62 - मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की बाबत सम्पत्ति का समपहरण ।

IPC धारा 63 - आर्थिक दण्ड/जुर्माने की रकम।

IPC धारा 64 - जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेश

IPC धारा 65 - जब कि कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि

IPC धारा 66 - जुर्माना न देने पर किस भांति का कारावास दिया जाए।

IPC धारा 67 - आर्थिक दण्ड न चुकाने पर कारावास, जबकि अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो।

IPC धारा 68 - आर्थिक दण्ड के भुगतान पर कारावास का समाप्त हो जाना।   

IPC धारा 69 - जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान

IPC धारा 70 - जुर्माने का छह वर्ष के भीतर या कारावास के दौरान वसूल किया जाना। मॄत्यु सम्पत्ति को दायित्व से उन्मुक्त नहीं करती।

IPC धारा 71 - कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि।

IPC धारा 72 - कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध का दोषी है

IPC धारा 73 - एकांत परिरोध

IPC धारा 74 - एकांत परिरोध की अवधि

IPC धारा 75 - पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन कतिपय अपराधों के लिए वर्धित दण्ड

IPC धारा 76 - विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप के विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य।

IPC धारा 77 - न्यायिकतः कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य

IPC धारा 78 - न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य

IPC धारा 79 - विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य

IPC धारा 80 - विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना।

IPC धारा 81 - आपराधिक आशय के बिना और अन्य क्षति के निवारण के लिए किया गया कार्य जिससे क्षति कारित होना संभाव्य है।

IPC धारा 82 - सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य।

IPC धारा 83 - सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य

IPC धारा 84 - विकॄतचित व्यक्ति का कार्य।

IPC धारा 85 - ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है

IPC धारा 86 - किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है

IPC धारा 87 - सम्मति से किया गया कार्य जिससे मॄत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी संभाव्यता का ज्ञान हो

IPC धारा 88 - किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सद््भावपूर्वक किया गया कार्य जिससे मॄत्यु कारित करने का आशय नहीं है

IPC धारा 89 - संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद््भावपूर्वक किया गया कार्य

IPC धारा 90 - सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है

IPC धारा 91 - ऐसे अपवादित कार्य जो कारित क्षति के बिना भी स्वतः अपराध है।

IPC धारा 92 - सहमति के बिना किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य।

IPC धारा 93 - सद्भावपूर्वक दी गई संसूचना

IPC धारा 94 - वह कार्य जिसको करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है

IPC धारा 95 - तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य

IPC धारा 96 - प्राइवेट प्रतिरक्षा में की गई बातें

IPC धारा 97 - शरीर तथा संपत्ति की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार।

IPC धारा 98 - ऐसे व्यक्ति के कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जो विकॄतचित्त आदि हो

IPC धारा 99 - कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है

IPC धारा 100 - किसी की मॄत्यु कारित करने पर शरीर की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार कब लागू होता है।

IPC धारा 101 - मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने के अधिकार का विस्तार कब होता है।

🛑आईपीसी धारा 102 - शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना।

🛑आईपीसी धारा 103 - कब संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मॄत्यु कारित करने तक का होता है

🛑आईपीसी धारा 104 - मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने तक के अधिकार का विस्तार कब होता है।

🛑आईपीसी धारा 105 - सम्पत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना

🛑आईपीसी धारा 106 - घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि निर्दोष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है

🛑आईपीसी धारा 107 - किसी बात का दुष्प्रेरण

🛑आईपीसी धारा 108 - दुष्प्रेरक।

🛑आईपीसी धारा 108क - भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण

🛑आईपीसी धारा 109 - अपराध के लिए उकसाने के लिए दण्ड, यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

🛑आईपीसी धारा 110 - दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है।

🛑आईपीसी धारा 111 - दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है।

🛑आईपीसी धारा 112 - दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दण्डनीय है

🛑आईपीसी धारा 113 - दुष्प्रेरित कार्य से कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो।

🛑आईपीसी धारा 114 - अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति।

🛑आईपीसी धारा 115 - मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण - यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप अपराध नहीं किया जाता।

🛑आईपीसी धारा 116 - कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण - यदि अपराध न किया जाए।

🛑आईपीसी धारा 117 - सामान्य जन या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण।

🛑आईपीसी धारा 118 - मॄत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना

🛑आईपीसी धारा 119 - किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक द्वारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है

🛑आईपीसी धारा 120 - कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना।

🛑आईपीसी धारा 120क - आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा

🛑आईपीसी धारा 120ख - आपराधिक षड्यंत्र का दंड

🛑आईपीसी धारा 121 - भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना।

🛑आईपीसी धारा 121क - धारा 121 द्वारा दंडनीय अपराधों को करने का षड््यंत्र

🛑आईपीसी धारा 122 - भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि संग्रहित करना।

🛑आईपीसी धारा 123 - युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना।

🛑आईपीसी धारा 124 - किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करना

🛑आईपीसी धारा 124क - राजद्रोह

🛑आईपीसी धारा 125 - भारत सरकार से मैत्री संबंध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति के विरुद्ध युद्ध करना

🛑आईपीसी धारा 126 - भारत सरकार के साथ शांति का संबंध रखने वाली शक्ति के राज्यक्षेत्र में लूटपाट करना।

🛑आईपीसी धारा 127 - धारा 125 और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली गई सम्पत्ति प्राप्त करना।

🛑आईपीसी धारा 128 - लोक सेवक का स्वेच्छया राजकैदी या युद्धकैदी को निकल भागने देना।

🛑आईपीसी धारा 129 - लोक सेवक का उपेक्षा से किसी कैदी का निकल भागना सहन करना।

🛑आईपीसी धारा 130 - ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना

🛑आईपीसी धारा 131 - विद्रोह का दुष्प्रेरण या किसी सैनिक, नौसेनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना

🛑आईपीसी धारा 132 - विद्रोह का दुष्प्रेरण यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।

🛑आईपीसी धारा 133 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी जब कि वह अधिकारी अपने पद-निष्पादन में हो, पर हमले का दुष्प्रेरण।

🛑आईपीसी धारा 134 - हमले का दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप हमला किया जाए।

🛑आईपीसी धारा 135 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण।

🛑आईपीसी धारा 136 - अभित्याजक को संश्रय देना

🛑आईपीसी धारा 137 - मास्टर की उपेक्षा से किसी वाणिज्यिक जलयान पर छुपा हुआ अभित्याजक

🛑आईपीसी धारा 138 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का दुष्प्रेरण।

🛑आईपीसी धारा 138क - पूर्वोक्त धाराओं का भारतीय सामुद्रिक सेवा को लागू होना

🛑आईपीसी धारा 139 - कुछ अधिनियमों के अध्यधीन व्यक्ति।

🛑आईपीसी धारा 140 - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली पोशाक पहनना या प्रतीक चिह्न धारण करना।

🛑आईपीसी धारा 141 - विधिविरुद्ध जनसमूह।

🛑आईपीसी धारा 142 - विधिविरुद्ध जनसमूह का सदस्य होना।

🛑आईपीसी धारा 143 - गैरकानूनी जनसमूह का सदस्य होने के नाते दंड

🛑आईपीसी धारा 144 - घातक आयुध से सज्जित होकर विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित होना।

🛑आईपीसी धारा 145 - किसी विधिविरुद्ध जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिया गया है, में जानबूझकर शामिल होना या बने रहना

🛑आईपीसी धारा 146 - उपद्रव करना।

🛑आईपीसी धारा 147 - बल्वा करने के लिए दंड

🛑आईपीसी धारा 148 - घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना।

🛑आईपीसी धारा 149 - विधिविरुद्ध जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य का अभियोजन करने में किए गए अपराध का दोषी।

🛑आईपीसी धारा 150 - विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित करने के लिए व्यक्तियों का भाड़े पर लेना या भाड़े पर लेने के लिए बढ़ावा देना।

🛑आईपीसी धारा 151 - पांच या अधिक व्यक्तियों के जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिए जाने के पश्चात् जानबूझकर शामिल होना या बने रहना

🛑आईपीसी धारा 152 - लोक सेवक के उपद्रव / दंगे आदि को दबाने के प्रयास में हमला करना या बाधा डालना।

🛑आईपीसी धारा 153 - उपद्रव कराने के आशय से बेहूदगी से प्रकोपित करना 

🛑आईपीसी धारा 153क - धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना।

🛑आईपीसी धारा 153ख - राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान--(

🛑आईपीसी धारा 154 - उस भूमि का स्वामी या अधिवासी, जिस पर ग़ैरक़ानूनी जनसमूह एकत्रित हो

🛑आईपीसी धारा 155 - व्यक्ति जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो का दायित्व

🛑आईपीसी धारा 156 - उस स्वामी या अधिवासी के अभिकर्ता का दायित्व, जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया जाता है

🛑आईपीसी धारा 157 - विधिविरुद्ध जनसमूह के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना।

🛑आईपीसी धारा 158 - विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना

🛑आईपीसी धारा 159 - दंगा

🛑आईपीसी धारा 160 - उपद्रव करने के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 161 से 165 - लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के विषय में

🛑आईपीसी धारा 166 - लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना।

🛑आईपीसी धारा 166क - कानून के तहत महीने दिशा अवहेलना लोक सेवक

🛑आईपीसी धारा 166ख - अस्पताल द्वारा शिकार की गैर उपचार

🛑आईपीसी धारा 167 - लोक सेवक, जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है।

🛑आईपीसी धारा 168 - लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है

🛑आईपीसी धारा 169 - लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से संपत्ति क्रय करता है या उसके लिए बोली लगाता है।

🛑आईपीसी धारा 170 - लोक सेवक का प्रतिरूपण।

🛑आईपीसी धारा 171 - कपटपूर्ण आशय से लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करना।

🛑आईपीसी धारा 171क - अभ्यर्थी, निर्वाचन अधिकार परिभाषित

🛑आईपीसी धारा 171ख - रिश्वत

🛑आईपीसी धारा 171ग - निर्वाचनों में असम्यक्असर डालना

🛑आईपीसी धारा 171घ - निर्वाचनों में प्रतिरूपण

🛑आईपीसी धारा 171ङ - रिश्वत के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 171च - निर्वाचनों में असम्यक् असर डालने या प्रतिरूपण के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 171छ - निर्वाचन के सिलसिले में मिथ्या कथन

🛑आईपीसी धारा 171ज - निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय

🛑आईपीसी धारा 171झ - निर्वाचन लेखा रखने में असफलता

🛑आईपीसी धारा 172 - समनों की तामील या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना

🛑आईपीसी धारा 173 - समन की तामील का या अन्य कार्यवाही का या उसके प्रकाशन का निवारण करना।

🛑आईपीसी धारा 174 - लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर-हाजिर रहना

🛑आईपीसी धारा 175 - दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति का लोक सेवक को 1[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने का लोप

🛑आईपीसी धारा 176 - सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप।

🛑आईपीसी धारा 177 - झूठी सूचना देना।

🛑आईपीसी धारा 178 - शपथ या प्रतिज्ञान से इंकार करना, जबकि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए

🛑आईपीसी धारा 179 - प्रश्न करने के लिए प्राधिकॄत लोक सेवक को उत्तर देने से इंकार करना।

🛑आईपीसी धारा 180 - कथन पर हस्ताक्षर करने से इंकार

🛑आईपीसी धारा 181 - शपथ दिलाने या अभिपुष्टि कराने के लिए प्राधिकॄत लोक सेवक के, या व्यक्ति के समक्ष शपथ या अभिपुष्टि पर झूठा बयान।

🛑आईपीसी धारा 182 - लोक सेवक को अपनी विधिपूर्ण शक्ति का उपयोग दूसरे व्यक्ति की क्षति करने के आशय से झूठी सूचना देना

🛑आईपीसी धारा 183 - लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा संपत्ति लिए जाने का प्रतिरोध

🛑आईपीसी धारा 184 - लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा डालना।

🛑आईपीसी धारा 185 - लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति का अवैध क्रय या उसके लिए अवैध बोली लगाना।

🛑आईपीसी धारा 186 - लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।

🛑आईपीसी धारा 187 - लोक सेवक की सहायता करने का लोप, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो

🛑आईपीसी धारा 188 - लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा।

🛑आईपीसी धारा 189 - लोक सेवक को क्षति करने की धमकी

🛑आईपीसी धारा 190 - लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी।

🛑आईपीसी धारा 191 - झूठा साक्ष्य देना।

🛑आईपीसी धारा 192 - झूठा साक्ष्य गढ़ना।

🛑आईपीसी धारा 193 - मिथ्या साक्ष्य के लिए दंड

🛑आईपीसी धारा 194 - मॄत्यु से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि कराने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना।

🛑आईपीसी धारा 195 - आजीवन   कारावास या कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि प्राप्त करने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना

🛑आईपीसी धारा 196 - उस साक्ष्य को काम में लाना जिसका मिथ्या होना ज्ञात है

🛑आईपीसी धारा 197 - मिथ्या प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना

🛑आईपीसी धारा 198 - प्रमाणपत्र जिसका नकली होना ज्ञात है, असली के रूप में प्रयोग करना।

🛑आईपीसी धारा 199 - विधि द्वारा साक्ष्य के रूप में लिये जाने योग्य घोषणा में किया गया मिथ्या कथन।

🛑आईपीसी धारा 200 - ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में प्रयोग करना।

🛑आईपीसी धारा 201 - अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए झूठी जानकारी देना।

🛑आईपीसी धारा 202 - सूचना देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की सूचना देने का साशय लोप।

🛑आईपीसी धारा 203 - किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तिला देना

🛑आईपीसी धारा 204 - साक्ष्य के रूप में किसी 3[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] का पेश किया जाना निवारित करने के लिए उसको नष्ट करना

🛑आईपीसी धारा 205 - वाद या अभियोजन में किसी कार्य या कार्यवाही के प्रयोजन से मिथ्या प्रतिरूपण

🛑आईपीसी धारा 206 - संपत्ति को समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना

🛑आईपीसी धारा 207 - संपत्ति पर उसके जब्त किए जाने या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से बचाने के लिए कपटपूर्वक दावा।

🛑आईपीसी धारा 208 - ऐसी राशि के लिए जो शोध्य न हो कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना

🛑आईपीसी धारा 209 - बेईमानी से न्यायालय में मिथ्या दावा करना

🛑आईपीसी धारा 210 - ऐसी राशि के लिए जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री अभिप्राप्त करना

🛑आईपीसी धारा 211 - क्षति करने के आशय से अपराध का झूठा आरोप।

🛑आईपीसी धारा 212 - अपराधी को संश्रय देना।

🛑आईपीसी धारा 213 - अपराधी को दंड से प्रतिच्छादित करने के लिए उपहार आदि लेना

🛑आईपीसी धारा 214 - अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरूप उपहार की प्रस्थापना या संपत्ति का प्रत्यावर्तन

🛑आईपीसी धारा 215 - चोरी की संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना

🛑आईपीसी धारा 216 - ऐसे अपराधी को संश्रय देना, जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकड़ने का आदेश दिया जा चुका है।

🛑आईपीसी धारा 216क - लुटेरों या डाकुओं को संश्रय देने के लिए शास्ति

🛑आईपीसी धारा 216ख - धारा 212, धारा 216 और धारा 216क में संश्रय की परिभाषा

🛑आईपीसी धारा 217 - लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति के समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा

🛑आईपीसी धारा 218 - किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या लेख की रचना

🛑आईपीसी धारा 219 - न्यायिक कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का लोक सेवक द्वारा भ्रष्टतापूर्वक किया जाना

🛑आईपीसी धारा 220 - प्राधिकार वाले व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए या परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी

🛑आईपीसी धारा 221 - पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का साशय लोप

🛑आईपीसी धारा 222 - दंडादेश के अधीन या विधिपूर्वक सुपुर्द किए गए व्यक्ति को पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का साशय लोप

🛑आईपीसी धारा 223 - लोक सेवक द्वारा उपेक्षा से परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना।

🛑आईपीसी धारा 224 - किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा।

🛑आईपीसी धारा 225 - किसी अन्य व्यक्ति के विधि के अनुसार पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा

🛑आईपीसी धारा 225क - उन दशाओं में जिनके लिए अन्यथा उपबंध नहीं है लोक सेवक द्वारा पकड़ने का लोप या निकल भागना सहन करना

🛑आईपीसी धारा 225ख - अन्यथा अनुपबंधित दशाओं में विधिपूर्वक पकड़ने में प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या छुड़ाना

🛑आईपीसी धारा 226 - निर्वासन से विधिविरुद्ध वापसी।

🛑आईपीसी धारा 227 - दंड के परिहार की शर्त का अतिक्रमण

🛑आईपीसी धारा 228 - न्यायिक कार्यवाही में बैठे हुए लोक सेवक का साशय अपमान या उसके कार्य में विघ्न

🛑आईपीसी धारा 228क - कतिपय अपराधों आदि से पीड़ित व्यक्ति की पहचान का प्रकटीकरण

🛑आईपीसी धारा 229 - जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण।

🛑आईपीसी धारा 230 - सिक्का की परिभाषा

🛑आईपीसी धारा 231 - सिक्के का कूटकरण

🛑आईपीसी धारा 232 - भारतीय सिक्के का कूटकरण

🛑आईपीसी धारा 233 - सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना

🛑आईपीसी धारा 234 - भारतीय सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बे

🛑आईपीसी धारा 236 - भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण

🛑आईपीसी धारा 237 - कूटकॄत सिक्के का आयात या निर्यात

🛑आईपीसी धारा 238 - भारतीय सिक्के की कूटकॄतियों का आयात या निर्यात

🛑आईपीसी धारा 239 - सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था

🛑आईपीसी धारा 240 - उस भारतीय सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था

🛑आईपीसी धारा 241 - किसी सिक्के का असली सिक्के के रूप में परिदान, जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, कूटकॄत होना नहीं जानता था

🛑आईपीसी धारा 242 - कूटकॄत सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उस समय उसका कूटकॄत होना जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था

🛑आईपीसी धारा 243 - भारतीय सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकॄत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था

🛑आईपीसी धारा 244 - टकसाल में नियोजित व्यक्ति द्वारा सिक्के को उस वजन या मिश्रण से भिन्न कारित किया जाना जो विधि द्वारा नियत है

🛑आईपीसी धारा 245 - टकसाल से सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रूप से लेना

🛑आईपीसी धारा 246 - कपटपूर्वक या बेईमानी से सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना

🛑आईपीसी धारा 247 - कपटपूर्वक या बेईमानी से भारतीय सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना

🛑आईपीसी धारा 248 - इस आशय से किसी सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए

🛑आईपीसी धारा 249 - इस आशय से भारतीय सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए

🛑आईपीसी धारा 250 - ऐसे सिक्के का परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है

🛑आईपीसी धारा 251 - भारतीय सिक्के का परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है

🛑आईपीसी धारा 252 - ऐसे व्यक्ति द्वारा सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया

🛑आईपीसी धारा 253 - ऐसे व्यक्ति द्वारा भारतीय सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया

🛑आईपीसी धारा 254 - सिक्के का असली सिक्के के रूप में परिदान जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, परिवर्तित होना नहीं जानता था

🛑आईपीसी धारा 255 - सरकारी स्टाम्प का कूटकरण

🛑आईपीसी धारा 256 - सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री कब्जे में रखना

🛑आईपीसी धारा 257 - सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना

🛑आईपीसी धारा 258 - कूटकॄत सरकारी स्टाम्प का विक्रय

🛑आईपीसी धारा 259 - सरकारी कूटकॄत स्टाम्प को कब्जे में रखना

🛑आईपीसी धारा 260 - किसी सरकारी स्टाम्प को, कूटकॄत जानते हुए उसे असली स्टाम्प के रूप में उपयोग में लाना

🛑आईपीसी धारा 261 - इस आशय से कि सरकार को हानि कारित हो, उस पदार्थ पर से, जिस पर सरकारी स्टाम्प लगा हुआ है, लेख मिटाना या दस्तावेज से वह स्टाम्प हटाना जो उसके लिए उपयोग में लाया गया है

🛑आईपीसी धारा 262 - ऐसे सरकारी स्टाम्प का उपयोग जिसके बारे में ज्ञात है कि उसका पहले उपयोग हो चुका है

🛑आईपीसी धारा 263 - स्टाम्प के उपयोग किए जा चुकने के द्योतक चिन्ह का छीलकर मिटाना

🛑आईपीसी धारा 263क - बनावटी स्टाम्पों का प्रतिषेघ

🛑आईपीसी धारा 264 - तोलने के लिए खोटे उपकरणों का कपटपूर्वक उपयोग

🛑आईपीसी धारा 265 - खोटे बाट या माप का कपटपूर्वक उपयोग

🛑आईपीसी धारा 266 - खोटे बाट या माप को कब्जे में रखना

🛑आईपीसी धारा 267 - खोटे बाट या माप का बनाना या बेचना

🛑आईपीसी धारा 268 - लोक न्यूसेन्स

🛑आईपीसी धारा 269 - उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो

🛑आईपीसी धारा 270 - परिद्वेषपूर्ण कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो

🛑आईपीसी धारा 271 - करन्तीन के नियम की अवज्ञा

🛑आईपीसी धारा 272 - विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण।

🛑आईपीसी धारा 273 - अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय

आईपीसी धारा 274 - औषधियों का अपमिश्रण

🛑आईपीसी धारा 275 - अपमिश्रित ओषधियों का विक्रय

🛑आईपीसी धारा 276 - ओषधि का भिन्न औषधि या निर्मिति के तौर पर विक्रय

🛑आईपीसी धारा 277 - लोक जल-स्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना

🛑आईपीसी धारा 278 - वायुमण्डल को स्वास्थ्य के लिए अपायकर बनाना

🛑आईपीसी धारा 279 - सार्वजनिक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हांकना

🛑आईपीसी धारा 280 - जलयान का उतावलेपन से चलाना

🛑आईपीसी धारा 281 - भ्रामक प्रकाश, चिन्ह या बोये का प्रदर्शन

🛑आईपीसी धारा 282 - अक्षमकर या अति लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण

🛑आईपीसी धारा 283 - लोक मार्ग या पथ-प्रदर्शन मार्ग में संकट या बाधा कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 284 - विषैले पदार्थ के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण

🛑आईपीसी धारा 285 - अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण।

🛑आईपीसी धारा 286 - विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण

🛑आईपीसी धारा 287 - मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण

🛑आईपीसी धारा 288 - किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण

🛑आईपीसी धारा 289 - जीवजन्तु के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण।

🛑आईपीसी धारा 290 - अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक बाधा के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 291 - न्यूसेन्स बन्द करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना

🛑आईपीसी धारा 292 - अश्लील पुस्तकों आदि का विक्रय आदि।

🛑आईपीसी धारा 2925क - विमर्शित और विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों

🛑आईपीसी धारा 292क - Printing,etc, of grossly indecent or securrilous matter or matter intended for blackmail

🛑आईपीसी धारा 293 - तरुण व्यक्ति को अश्लील वस्तुओ का विक्रय आदि

🛑आईपीसी धारा 294 - अश्लील कार्य और गाने

🛑आईपीसी धारा 294क - लाटरी कार्यालय रखना

🛑आईपीसी धारा 295 - किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना।

🛑आईपीसी धारा 296 - धार्मिक जमाव में विघ्न करना

🛑आईपीसी धारा 297 - कब्रिस्तानों आदि में अतिचार करना

🛑आईपीसी धारा 298 - धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से शब्द उच्चारित करना आदि।

🛑आईपीसी धारा 299 - आपराधिक मानव वध

🛑आईपीसी धारा 300 - हत्या

🛑आईपीसी धारा 301 - जिस व्यक्ति की मॄत्यु कारित करने का आशय था उससे भिन्न व्यक्ति की मॄत्यु करके आपराधिक मानव वध करना।

🛑आईपीसी धारा 302 - हत्या के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 303 - आजीवन कारावास से दण्डित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 304 - हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 304क - उपेक्षा द्वारा मॄत्यु कारित करना

🛑आईपीसी धारा 304ख - दहेज मॄत्यु

🛑आईपीसी धारा 305 - शिशु या उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण।

🛑आईपीसी धारा 306 - आत्महत्या का दुष्प्रेरण

🛑आईपीसी धारा 307 - हत्या करने का प्रयत्न

🛑आईपीसी धारा 308 - गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास

🛑आईपीसी धारा 309 - आत्महत्या करने का प्रयत्न।

🛑आईपीसी धारा 310 - ठग।

🛑आईपीसी धारा 311 - ठगी के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 312 - गर्भपात कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 313 - स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 314 - गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मॄत्यु।

🛑आईपीसी धारा 315 - शिशु का जीवित पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात् उसकी मॄत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य।

🛑आईपीसी धारा 316 - ऐसे कार्य द्वारा जो गैर-इरादतन हत्या की कोटि में आता है, किसी सजीव अजात शिशु की मॄत्यु कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 317 - शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का परित्याग और अरक्षित डाल दिया जाना।

🛑आईपीसी धारा 318 - मॄत शरीर के गुप्त व्ययन द्वारा जन्म छिपाना

🛑आईपीसी धारा 319 - क्षति पहुँचाना।

🛑आईपीसी धारा 320 - घोर आघात।

🛑आईपीसी धारा 321 - स्वेच्छया उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 322 - स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 323 - जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 324 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 325 - स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 326 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक घोर उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 326क - एसिड हमले

🛑आईपीसी धारा 326ख - एसिड हमला करने का प्रयास

🛑आईपीसी धारा 327 - संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छापूर्वक चोट पहुँचाना।

🛑आईपीसी धारा 328 - अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा क्षति कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 329 - सम्पत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 330 - संस्वीकॄति जबरन वसूली करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया क्षति कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 331 - संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 332 - लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना

🛑आईपीसी धारा 333 - लोक सेवक को अपने कर्तव्यों से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया घोर क्षति कारित करना।

🛑आईपीसी धारा 334 - प्रकोपन पर स्वेच्छया क्षति करना

🛑आईपीसी धारा 335 - प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

🛑आईपीसी धारा 336 - दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा पहुँचाने वाला कार्य।

🛑आईपीसी धारा 337 - किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना

🛑आईपीसी धारा 338 - किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, गंभीर चोट पहुँचाना कारित करना

🛑आईपीसी धारा 339 - सदोष अवरोध।

🛑आईपीसी धारा 340 - सदोष परिरोध या गलत तरीके से प्रतिबंधित करना।

🛑आईपीसी धारा 341 - सदोष अवरोध के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 342 - ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 343 - तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध।

🛑आईपीसी धारा 344 - दस या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध।

🛑आईपीसी धारा 345 - ऐसे व्यक्ति का सदोष परिरोध जिसके छोड़ने के लिए रिट निकल चुका है

🛑आईपीसी धारा 346 - गुप्त स्थान में सदोष परिरोध।

🛑आईपीसी धारा 347 - सम्पत्ति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध।

🛑आईपीसी धारा 348 - संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन करने के लिए सदोष परिरोध

🛑आईपीसी धारा 349 - बल।

🛑आईपीसी धारा 350 - आपराधिक बल

🛑आईपीसी धारा 351 - हमला।

🛑आईपीसी धारा 352 - गम्भीर प्रकोपन के बिना हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 353 - लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग

🛑आईपीसी धारा 354 - स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग

🛑आईपीसी धारा 354क - यौन उत्पीड़न

🛑आईपीसी धारा 354ख - एक औरत नंगा करने के इरादे के साथ कार्य

🛑आईपीसी धारा 354ग - छिप कर देखना

🛑आईपीसी धारा 354घ - पीछा

🛑आईपीसी धारा 355 - गम्भीर प्रकोपन होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग

🛑आईपीसी धारा 356 - हमला या आपराधिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली संपत्ति की चोरी का प्रयास।

🛑आईपीसी धारा 357 - किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।

🛑आईपीसी धारा 358 - गम्भीर प्रकोपन मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग

🛑आईपीसी धारा 359 - व्यपहरण

🛑आईपीसी धारा 360 - भारत में से व्यपहरण।

🛑आईपीसी धारा 361 - विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण

🛑आईपीसी धारा 362 - अपहरण।

🛑आईपीसी धारा 363 - व्यपहरण के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 363क - भीख मांगने के प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय का व्यपहरण का विकलांगीकरण

🛑आईपीसी धारा 364 - हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण करना।

🛑आईपीसी धारा 364क - फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण।

🛑आईपीसी धारा 365 - किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण

🛑आईपीसी धारा 366 - विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना

🛑आईपीसी धारा 366क - अप्राप्तवय लड़की का उपापन

🛑आईपीसी धारा 366ख - विदेश से लड़की का आयात करना

🛑आईपीसी धारा 367 - व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण।

🛑आईपीसी धारा 368 - व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छिपाना या क़ैद करना।

🛑आईपीसी धारा 369 - दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण

🛑आईपीसी धारा 370 - मानव तस्करी - दास के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या बेचना।

🛑आईपीसी धारा 371 - दासों का आभ्यासिक व्यवहार करना।

🛑आईपीसी धारा 372 - वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को बेचना।

🛑आईपीसी धारा 373 - वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को खरीदना।

🛑आईपीसी धारा 374 - विधिविरुद्ध बलपूर्वक श्रम।

🛑आईपीसी धारा 375 - बलात्संग

🛑आईपीसी धारा 376 - बलात्कार के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 376क - पॄथक् कर दिए जाने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ संभोग्र

🛑आईपीसी धारा 376ख - लोक सेवक द्वारा अपनी अभिरक्षा में की किसी स्त्री के साथ संभोग

🛑आईपीसी धारा 376ग - जेल, प्रतिप्रेषण गॄह आदि के अधीक्षक द्वारा संभोग

🛑आईपीसी धारा 376घ - अस्पताल के प्रबन्ध या कर्मचारिवॄन्द आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग

🛑आईपीसी धारा 377 - प्रकॄति विरुद्ध अपराध

🛑आईपीसी धारा 378 - चोरी

🛑आईपीसी धारा 379 - चोरी के लिए दंड

🛑आईपीसी धारा 380 - निवास-गॄह आदि में चोरी

🛑आईपीसी धारा 381 - लिपिक या सेवक द्वारा स्वामी के कब्जे में संपत्ति की चोरी।

🛑आईपीसी धारा 382 - चोरी करने के लिए मॄत्यु, क्षति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी करना।

🛑आईपीसी धारा 383 - उद्दापन / जबरन वसूली

🛑आईपीसी धारा 384 - ज़बरदस्ती वसूली करने के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 385 - ज़बरदस्ती वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना।

🛑आईपीसी धारा 386 - किसी व्यक्ति को मॄत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर ज़बरदस्ती वसूली करना।

🛑आईपीसी धारा 387 - ज़बरदस्ती वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को मॄत्यु या घोर आघात के भय में डालना।

🛑आईपीसी धारा 388 - मॄत्यु या आजीवन कारावास, आदि से दंडनीय अपराध का अभियोग लगाने की धमकी देकर उद्दापन

🛑आईपीसी धारा 389 - जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का आरोप लगाने के भय में डालना।
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आईपीसी धारा 390 - लूट।

🛑आईपीसी धारा 391 - डकैती

🛑आईपीसी धारा 392 - लूट के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 393 - लूट करने का प्रयत्न।

🛑आईपीसी धारा 394 - लूट करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना

🛑आईपीसी धारा 395 - डकैती के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 396 - हत्या सहित डकैती।

🛑आईपीसी धारा 397 - मॄत्यु या घोर आघात कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती।

🛑आईपीसी धारा 398 - घातक आयुध से सज्जित होकर लूट या डकैती करने का प्रयत्न।

🛑आईपीसी धारा 399 - डकैती करने के लिए तैयारी करना।

🛑आईपीसी धारा 400 - डाकुओं की टोली का होने के लिए दण्ड

🛑आईपीसी धारा 401 - चोरों के गिरोह का होने के लिए दण्ड।

🛑आईपीसी धारा 402 - डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना।

🛑आईपीसी धारा 403 - सम्पत्ति का बेईमानी से गबन / दुरुपयोग।

🛑आईपीसी धारा 404 - मॄत व्यक्ति की मॄत्यु के समय उसके कब्जे में सम्पत्ति का बेईमानी से गबन / दुरुपयोग।




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